कोयला संकट: उत्तराखंड में भी दिखने लगा देश में गहराई कोयला संकट का असर ,यह है प्रदेश की स्थित
देहरादून- देश में दिन पर दिन बिजली उत्पादन के लिए इस्तेमाल होने वाले कोयले का संकट गहराता जा रहा है स्थिति कुछ यह है कि देश के 135 में से 110 बिजली उत्पादन प्लांट्स में कोयले का संकट गहरा गया है जिसका असर अब पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में भी देखने लगा है । जहां ग्रामीण इलाकों में पहले ही बिजली कटौती शुरू कर दी गई है । तो वहीं अब शहरी क्षेत्रों में भी बिजली कटौती पर विचार किया जा रहा है ।
देश में क्यों गहराया कोयले का संकट -:
– कोरोना की दूसरी लहर के चलते जारी को भी कर्फ्यू की वजह से देश भर में कोयले का खनन प्रभावित हुआ।
– वही कोविड कर्फ्यू में राहत के बाद कुछ हद तक कोयले का खनन शुरू हुआ लेकिन मानसून की दस्तक के चलते एक बार फिर खनन की रफ्तार धीमी पड़ गई ।
– कोरोनकाल मेंअंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले के दामों में वृद्धि होने से देश की निजी कंपनियों ने कोयले का आयात किया कम।
उत्तराखंड में बिजली संकट की स्थिति-
गौरतलब है कि उत्तराखंड में वर्तमान में प्रतिदिन बिजली की मांग 41 मिलियन यूनिट है जबकि प्रदेश को 35 से 37 मिलियन यूनिट बिजली मिल पा रही है ऐसे में प्रदेश में हो रही इस 5 से 6 मिलियन यूनिट की बिजली की कमी को दूर करने के लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती शुरू कर दी गई है इसके साथ ही ऊर्जा सचिव सौजन्य ने यूपीसीएल ( उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ) मैनेजमेंट से बिजली संकट से निपटने का एक्शन प्लान बनाने को भी कह दिया है ।
बता दे नवंबर माह की शुरुआत में देश के साथ ही प्रदेश में भी रोशनी का पर्व दीपावली भी मनाया जाना है । ऐसे में राज्य सरकार के साथ ही यूपीसीएल प्रबंधन के लिए प्रदेश में बिजली की उचित व्यवस्था कर पाना एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।
दरअसल एनर्जी एक्सचेंज में इस समय बिजली का भाव न्यूनतम 10 रुपए से लेकर अधिकतम 25 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच गया है । ऐसे में इतने महंगे दामों में बिजली खरीदने की स्थिति में यूपीसीएल नहीं है ।
वहीं बिजली खरीद के लिए यूपीसीएल के पास दूसरा विकल्प एनटीपीसी है । लेकिन एनटीपीसी ने जो लीटकोड यूपीसीएल को दिए हैं वह आज न्यूनतम 24 रुपए से लेकर अधिकतम 41 रुपए प्रति यूनिट तक है । लेकिन इस रेट पर भी यूपीसीएल मैनेजमेंट बिजली खरीदने की स्थिति में नहीं है ।