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तमिलनाडु के कुन्नूर के घने जंगलों में आज भारतीय सेना का MI-17 हेलिकॉप्टर अचानक ही तकनीकी खराबी के चलते क्रैश हो गया । जिसमें सवार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका कि इस दर्दनाक दुर्घटना में मौत हो गई है। जिसकी पुष्टि खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से की है।
इस दर्दनाक हादसे को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गहरा शोक व्यक्त किया है। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि जनरल बिपिन रावत का इस तरह हेलीकॉप्टर हादसे में उनका असमय चले जाना सिर्फ भारतीय सेना के लिए ही नहीं । बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है ।
मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे जनरल बिपिन रावत-
उत्तराखंड के पौड़ी जनपद से ताल्लुक रखने वाले जनरल बिपिन रावत भारत के पहले और वर्तमान रक्षा प्रमुख ( चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ CDS) थे । उन्होंने 01 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख का पदभार ग्रहण किया था। इससे पूर्व वो भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर रहे ।
उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वहीं 11 वीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी।
वही बात जनरल बिपिन रावत की शिक्षा-दीक्षा की करें तो उन्होंने देहरादून के कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से शिक्षा ली । जहां उन्हें ‘सोर्ड ऑफ़ ऑनर ‘ से भी सम्मानित किया गया था ।
वह फोर्ट लीवनवर्थ , यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज , वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक भी हैं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल , प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया है। 2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय , मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से भी सम्मानित किया गया था ।