देहरादून- अगर आप चारधाम यात्रा पर आने की सोच रहे हैं तो जल्दी अपना कार्यक्रम बना लें । दरअसल विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा अब अपने समापन की ओर बढ़ चुकी है । उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट दीपावली के तुरंत बाद भैया दूज के दिन विधि विधान के साथ बंद कर दिए जाएंगे वहीं विश्व प्रसिद्ध श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि शुक्रवार यानी विजयदशमी के दिन पंचांग गणना के बाद तय की जाएगी
गौरतलब है कि पौराणिक परंपरा के अनुसार हर साल केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के दिन ही शीतकाल के लिए बंद किए जाते हैं। इसलिए इस साल भी दोनों धाम के कपाट भैया दूज के दिन ही छह नवंबर को बंद हो जाएंगे। इसके अलावा गंगोत्री धाम के कपाट गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पर्व पर पांच नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे ।
वही बात बद्रीनाथ धाम की करें तो शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि हर साल विजय दशमी के दिन ही तय की जाती है। इसके साथ ही इसी दिन पंच पूजाओं का कार्यक्रम, श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी के पांडुकेश्वर आगमन और आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ आने का कार्यक्रम भी घोषित घोषित किया जाएगा ।
वही विजयदशमी के दिन यानी कल ही द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि , डोली यात्रा कार्यक्रम और श्री मद्महेश्वर मेले की तिथि भी ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में तय की जाएगी ।
इसके अलावा चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट कार्तिक सक्रांति के पावन पर्व पर आगामी 17 अक्तूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसी दिन भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली पनार बुग्याल और सगर गांव होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल गोपीनाथ मंदिर (गोपेश्वर) पहुँचेगी ।