हरिद्वार – रुड़की में एक व्यापारी की अंत्येष्टि के बाद उसकी गुमशुदगी दर्ज न करने के चर्चित मामले में हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने एक सब- इंस्पेक्टर और 2 कॉन्स्टेबल को अनोखी सजा दी है एसएसपी ने निर्देश दिए हैं कि तीनों हरिद्वार के खड़खड़ी, सतीघाट और चंडीघाट के शमशान घाटो में 2 दिन तक अन्य अंत्येष्टि में हाथ बटाएंगे।
मामला गंगनहर कोतवाली के रामनगर गली नंबर 11का है जहा मेडिकल स्टोर संचालक हरीश चांदना 20 अक्टूबर को लापता हो गए थे परिवार को उनका सुसाइड नोट मिला था परिजनों ने चांदना के लापता होने की सूचना के साथ सुसाइड नोट पुलिस को सौंप दिया था उसी शाम रहीमपुर फाटक के पास पुलिस को एक शव मिला जो चांदना का था उधर चांदना की पत्नी परमजीत कौर 30 अक्टूबर को पति की फोटो लेकर फिर कोतवाली गई लेकिन पुलिस ने चांदना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी इस बीच 23 अक्टूबर को पुलिस ने चांदना के शव को लावारिस मानकर अंतिम संस्कार कर दिया।
चांदना की पत्नी परमजीत कौर के बार-बार चक्कर काटने पर पुलिस ने 26 अक्टूबर को चांदना की गुमशुदगी दर्ज की 29 अक्टूबर को पुलिस ने परमजीत कौर को शव की शिनाख्त करने के लिए पोस्टमार्टम हाउस में बुलाया यहां तैनात कर्मचारी ने परमजीत के हाथ में चांदना की फोटो देखकर बताया कि है उनके पति के शव का पोस्टमार्टम के बाद लावारिस में अंतिम संस्कार किया जा चुका है। पुलिस की लापरवाही को देखते हुए हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने मामले की जांच के आदेश एसपी ग्रामीण स्वप्न किशोर सिंह को दिए थे पूरे मामले में पुष्टि हुई कि चांदना का शव मिलने के बाद पुलिस ने उसकी शिनाख्त कराने का प्रयास नहीं किया इधर एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि शव की पहचान नही कराना और अंतिम संस्कार के बाद गुमशुदगी दर्ज न करना गंभीर प्रकरण है इसके चलते गंगनहर कोतवाली में सब इंस्पेक्टर नवीन सिंह, कॉन्स्टेबल चेतन और संतोष को सोमवार और मंगलवार दो दिनों तक हरिद्वार के खड़खड़ी, सतीघाट और चंडीघाट के श्मशान घाटों पर 8 घंटे ड्यूटी देकर अन्य अंतिम संस्कारो में सहयोग करेंगे यहीं उनकी सजा है। काम के प्रति लापरवाही बरतने वाले पुलिस वालों पर एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह के एक्शन कि हर तरफ सराहना की जा रही है।