उत्तराखंड
पहाड़ी इलाकों में बिगड़ते मौसम के चलते अक्सर दैवीय आपदा का खतरा बना ही रहता है । यही कारण है की पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए डॉप्लर रडार स्थापित किए जा रहे हैं । वहीं हालही में प्रदेश के टिहरी जिले के सुरकंडा में स्थापित किए गए डॉप्लर रडार ने काम करना भी शुरू कर दिया है । जिसके बाद अब चारधाम समेत गढ़वाल मंडल के कई क्षेत्रों में होने वाली भारी बारिश, ओलावृष्टि या बर्फबारी की सटीक जानकारी समय से पहले मिल सकेगी।
जानकारी के लिए बता दें कि टिहरी जिले में स्थापित किए गए इस डॉप्लर रडार की रेंज एयर डिस्टेंस 100 किलोमीटर है । इससे चारधाम समेत गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों के मौसम से जुड़ी सटीक जानकारी मिल सकेगी । जिसके दैवीय आपदा जैसी स्थिति से निपटने के लिए भी समय रहते तैयारियां पूर्ण की जा सकेंगी ।
कैसे काम करता है डॉपलर रडार :
डॉप्लर वेदर रडार से 400 किलोमीटर तक के क्षेत्र में होने वाले मौसमी बदलाव के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यह रडार डॉप्लर इफेक्ट का इस्तेमाल कर अतिसूक्ष्म तरंगों को भी कैच कर लेता है। जब अतिसूक्ष्म तरंगें किसी भी वस्तु से टकराकर लौटती हैं तो यह रडार उनकी दिशा को आसानी से पहचान लेता है ।
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि केंद्र से उत्तराखंड में 03 अलग- अलग स्थानों में डॉप्लर रडार लगाने की अनुमति मिल चुकी है। इनमें से नैनीताल जनपद के मुक्तेश्वर और टिहरी जिले में सुरकंडा में स्थापित हो चुके हैं । वहीं दोनो ने काम करना भी शुरू कर दिया है । अब तीसरा डॉप्लर रडार जल्द ही पौड़ी जिले के लैंसडाउन में स्थापित किया जाएगा ।