विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम की यात्रा को यात्रियों के लिए आसान बनाने के लिए अब केदारनाथ यात्रा के पहले पड़ाव गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक रोपवे लगाने की तैयारी की जा रही है । सब कुछ ठीक रहा तो जल्दी यात्री रोपवे के माध्यम से कम समय में आसानी से केदारनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे।
समुद्र तल से लगभग साढ़े 11 हज़ार फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम हिंदुओं की अटूट आस्था का प्रतीक है ऐसे में हर हिंदू के मन में शिव के धाम केदारनाथ धाम पहुंचने की इच्छा होती है लेकिन कई लोग अपनी स्वास्थ संबंधी दिक्कतों के चलते केदारनाथ धाम तक नहीं पहुंच पाते । ऐसे में 750 करोड़ रुपए की लागत से अब गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के बीच 12 किलोमीटर लंबा रोपवे लगाने की तैयारी की जा रही है। जिसमें कुछ निजी कंपनियों ने भी रुचि दिखानी शुरू कर दी है ।
उत्तराखंड शासन में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए बताया कि केदारनाथ रोपवे परियोजना में कुछ निजी कंपनियां रुचि दिखा रही है । जिसे देखते हुए पहले चरण में अब डीपीआर बनाने की तैयारी चल रही है वहीं अगले चरण में इस कार्य के लिए कंपनी का चयन कर टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाएगी । जिससे कि जल्द से जल्द केदारनाथ धाम में रोपवे शुरू हो जाए और श्रद्धालु कम समय में सुगम तरह से बाबा केदार के दर्शन कर सकें ।
गौरतलब है कि वर्तमान में केदारनाथ यात्रा के पहले पड़ाव यानी गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की 16 किलोमीटर की दूरी को तय करने में लगभग 6 से 7 घंटे तक लग जाते हैं । ऐसे में कई बार इस कठिन यात्रा को पूरा करने में यात्रियों की तबीयत भी बिगड़ने लगती है । जिसे देखते हुए अब सरकार गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के बीच रोड पर लगाने की तैयारी कर रही है । यदि इस कठिन यात्रा मार्ग में रोपवे लग जाता है तो इससे श्रद्धालु आने वाले समय में आसानी से केदारनाथ धाम तक पहुंच सकेंगे।