देहरादून- उत्तराखंड शिक्षा विभाग में समग्र शिक्षा अभियान के तहत जिला समन्वयक और प्रदेश समन्वयक के कुल 84 पदों पर निकाली गई भर्ती को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है । इस भर्ती के लिए की गई चयन प्रक्रिया में एलटी ग्रेड के शिक्षकों को आवेदन करने के बाद बाहर कर दिया गया। जिसको लेकर अब एलटी ग्रेड के शिक्षकों ने गहरा रोष व्यक्त किया है।
राजकीय शिक्षक संगठन के पूर्व अध्यक्ष राम सिंह चौहान का कहना है कि शिक्षा शिक्षा विभाग में शिक्षक-शिक्षिकाओं को समग्र शिक्षा के अंतर्गत जिला और प्रदेश से समन्वयक से वंचित रखना विभाग और शासन का दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। आखिर शिक्षा विभाग अपने अधीनस्थ शिक्षक शिक्षिकाओं के बीच दोहरा मानदंड क्यों अपनाता है । चयन प्रोन्नत वेतनमान प्राप्त होने पर एलटी प्रवक्ता का लेबल बदल जाता है और उसे बोनस आदि सुविधाओं से वंचित किया जाता है। तो दूसरी ओर जब वर्तमान में कोई लेवल 8 का शिक्षक शिक्षक चयन प्रोन्नति वेतनमान प्राप्त होने पर लेवल 9 प्राप्त कर रहा है और उसकी सेवा वर्तमान समय में 2 वर्ष से अधिक है तो फिर उसे समन्वय से वंचित क्यों किया जा रहा है।
चौहान बोले कि विज्ञप्ति में कहीं भी पद नाम का जिक्र नहीं किया गया था । बल्कि लेवल की बात की गई थी । इस तरह निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं बल्कि बिना किसी समीक्षा का निर्णय लिया गया रेड्डी शिक्षक शिक्षिकाओं के हितों पर विभाग कुठाराघात कर रहा है। वही समग्र शिक्षा अभियान के अपर परियोजना निदेशक मुकुल सती का कहना है कि विज्ञप्ति में जो योग्यताएं निर्धारित की गई थी उसी के आधार पर चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।