देहरादून- उत्तराखंड के सीनियर आईएएस अधिकारी राजीव भरतरी ने अपने तबादला आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है राजीव भरतरी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि वह राज्य में भारतीय वन सेवा में के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं और सरकार ने 25 नवंबर 2021 को उनका स्थानांतरण प्रमुख वन संरक्षक पद से अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड के पद पर कर दिया है जबकि यह संविधान के खिलाफ है और उन्होंने सरकार को 4 प्रत्यावेदन दिए लेकिन सरकार ने उनकी सुनवाई नहीं की अंततः राजीव भरतरी ने कहा कि उनका स्थानांतरण राजनीतिक दबाव के कारण किया गया है जिसमें उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।
राजीव भरतरी कॉर्बेट नेशनल पार्क के भीतर हो रहे अवैध निर्माण की जांच कर रहे थे आरोप है कि जब तत्कालीन वन मंत्री एक अधिकारी के समर्थन में राजीव भरतरी को पीसीसीएफ कार्बेट पार्क में हो रहे निर्माण कार्यों की जांच से हटाना चाहते थे फिलहाल राजीव भरतरी ने अपने हुए तबादले को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
आपको यह भी बताते चलें कि राजीव भरतरी को प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड के पद से हटाकर उनके जूनियर विनोद सिंघल को उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक के पद पर जिम्मेदारी दी गई है अपने तबादले के आदेश को लेकर वरिष्ठ IFS अधिकारी राजीव भरतरी ने कोर्ट की शरण ली है।