नैनीताल – गर्मी का मौसम आते ही उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है। कुमाऊं मंडल के जंगलों में आग लगने के दर्जनों घटनाएं हो चुकी हैं। कई जंगल राख हो गए हैं। उत्तराखण्ड के जंगलों में लगी भीषण आग को बुझाने पहुंचे वायुसेना के एम.आई. 17 हैलीकॉप्टर की ताकत उसकी बैम्बी बकेट में है जो झीलों से पानी भरकर आग वाले स्थानों में बौछार करता है। रूस में बनी इस बकेट में लगभग 5000 लीटर पानी भरने की श्रमता है। अमेरिका के बाद भारत में पहली बार इसका इस्तेमाल मणिपुर व् तिरुपति मंदिर के समीप किया गया था । अब उत्तराखण्ड में आग का तांडव देखते हुए इसके इस्तेमाल के लिए यहाँ विशेष रूप से भेजा गया है।
नैनीताल के आसपास के जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए सरकार ने एयरफोर्स का एम.आई. 17 हैलीकॉप्टर लगा दिया है । आज शनिवार सवेरे से शुरू हुए इस मिशन में हैलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरा और पाइंस क्षेत्र में आग बुझाई । इससे पहले भी वर्ष 2016/21 में वनाग्नि के अनियंत्रित चलते एम.आई .17 हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था । नैनीताल से लगे पाइंस , भूमियाधार , ज्युलिकोट , नारायणनगर , भवाली , रामगढ़ , मुक्तेश्वर आदि के जंगल इनदिनों बुरी तरह से धधक रहे हैं । इस वर्ष बरसात नहीं के बराबर होने के कारण सूखे जंगल जगह जगह जल रहे है। उत्तराखंड के तमाम क्षेत्रों में लगी आग से लाखो की वन संपदा जलकर खाक हो गई है साथ ही वन्यजीवो पर खतरा मंडरा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जंगलों में लगी आग से प्रभावित अलग – अलग क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया सीएम धामी का कहना है कि जंगलों में आग लगाने वाले अराजकतत्वों पर सख्त कार्रवाई करने और जंगलों की आग पर नियंत्रण करने के लिए सरकार की ओर से बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं।
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