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Uttarakhand : 26वीं ई-गवर्नेंस कॉन्फ्रेंस में उत्तराखंड सरकार का यह पोर्टल हुआ रजत पदक से सम्मानित, यहां पढ़े

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देहरादून –  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में आज सचिव सूचना प्रौद्योगिकी शैलेश बगोली एवं निदेशक आई.टी.डी.ए. नीतिका खण्डेलवाल ने भेंट की। इस दौरान उन्होंने राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेन्सी (आई.टी.डी.ए.) को इंदौर में आयोजित 26वीं ई-गवर्नेंस कॉन्फ्रेंस में अपुणी सरकार पोर्टल को प्रदान किये गये रजत पदक एवं ट्रॉफी मुख्यमंत्री को भेंट की। इस अवॉर्ड के अंतर्गत ट्रॉफी एवं 5लाख का पुरुस्कार भी शामिल है।

वहीं इस अवसर पर सीएम धामी ने कहा कि हमारे राज्य का अधिकतर भू-भाग पर्वतीय क्षेत्र के अन्तर्गत आने से पर्वतीय क्षेत्रों में आम नागरिकों को जन केन्द्रित सेवाओं को प्राप्त करने के लिए दूर-दराज के पर्वतीय क्षेत्रों से कस्बों/जनपदो में आना पडता था। इससे आम नागरिकों को काफी असुविधा होती थी । तथा इसमें समय एवं धन का भी व्यय होता था। इसका ध्यान रखते हुए, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) को एक एकीकृत पोर्टल “अपणि सरकार“ को विकसित करने का लक्ष्य दिया गया था। वर्तमान में 575 नागरिक-केंद्रित सेवाएँ इसके माध्यम से प्रदान की जा रही हैं। समय पर सेवा प्रदान करना, आवेदन स्थिति की ट्रैकिंग, डिजिलॉकर के साथ एकीकृत प्रमाणपत्र, व्यक्तिगत नागरिक डैशबोर्ड, और अनुकूलनीय अधिकारी डैशबोर्ड जैसी सुविधाऐं इस पोर्टल में सामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल से नागरिकों और अधिकारियों को मूल्यवान सुझाव प्रदान करने के साथ प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अपुणी सरकार ई-पोर्टल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना हम सबके लिये सम्मान की बात है। यह पुरस्कार राज्य में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में की जा रही पहल को और गति प्रदान करने में भी सहायक होगा। यह पोर्टल “आपणो स्कूल अपणु प्रमाण“ और ‘‘डोर स्टेप डिलीवरी’’ जैसे नवाचार सेवाओं और पहुँच को और बढ़ावा देने के साथ “अपणि सरकार“ पोर्टल उत्तराखंड सरकार को अपने नागरिक को सुरक्षित, कुशल एवं पारदर्शी नागरिक केंद्रित सेवाओ को फेसलेस, कैशलेस एवं पेपरलेस प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान करने की सुविधा प्रदान कर रहा है। इन्ही सब विशिष्टताओं के साथ इस पोर्टल को नागरिक केन्द्रित सेवायें प्रदान करने में उभरती हुई प्रौद्योगिकी में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल पायी है। इससे राज्य में ई-गवर्नेंस को बढावा देने में और अधिक सहायता मिल सकेगी।

 

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