Uttarakhand
नई दिल्ली : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देश की राजधानी दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रक्षा मंत्री से रानीखेत और लैंसडाउन में छावनी बोर्डों को भंग करने और सैन्य स्टेशनों से बाहर के क्षेत्रों को राज्य प्रशासन को हस्तांतरित करने का अनुरोध किया।
इसके साथ ही सीएम धामी ने हिमाचल प्रदेश के योल में छावनी बोर्डों को भंग करने और छावनियों के नागरिक क्षेत्रों को नगर पालिकाओं के साथ विलय करने और छावनियों को सैन्य स्टेशनों के रूप में फिर से नामित करने के निर्णय का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रानीखेत और लैंसडाउन रणनीतिक छावनियां नहीं हैं । इसलिए उन्हें प्राथमिकता से भंग किया जाना चाहिए। छावनी बोर्ड के विघटन और इन शहरों में नागरिक क्षेत्रों को स्थानीय नगर पालिकाओं/जिला प्रशासन में स्थानांतरित करने से यहां की स्थानीय जनता को लाभ होगा। साथ ही शहर की पर्यटन क्षमता को अनलॉक करने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य के जनपद रूद्रप्रयाग में पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिए ईसीएचएस (ECHS) केन्द्र खोले जाने की संस्तुति प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए इस ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक के परिसर में पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिए एक सीएसडी कैन्टीन खोले जाने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए एनआरटीओ की 4 एकड़ भूमि हस्तांतरित करने का अनुरोध किया। राज्य सरकार एनआरटीओ को वैकल्पिक भूमि उपलब्ध कराने को तत्पर है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रक्षा मंत्री से राज्य सरकार को क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) की सेवाओं के संचालन के लिए जोशीमठ और धारचूला आर्मी हेलीपैड के उपयोग की अनुमति देने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने देहरादून स्थित छावनी परिसर गढ़ी कैन्ट में उत्तराखण्ड सब एरिया द्वारा लीज पर उपलब्ध कराई गई जमीन पर अस्थायी व्यवस्था के तहत संचालित हो रहे उपनल कार्यालय को खाली कराये जाने के कारण विकल्प के तौर पर छावनी में स्थित बी-3 डिफेंस की लगभग एक एकड़ लैंड पर उपनल कार्यालय स्थानांतरित करने पर विचार किये जाने का भी अनुरोध किया।
बता दे की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इन सभी अनुरोध को गंभीरता से सुनते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है ।