उत्तराखंडखेलपर्यटनबड़ी खबरराजनीतिशिक्षासामाजिकस्वास्थ्य

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के कार्यकाल के आज 100 दिन पूरे, जानिए केसे रहे धामी सरकार के 100 दिन।

देहरादून – 23 मार्च 2022 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। आज मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो गए हैं। युवा मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर धामी पर जो भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया था इन 100 दिनों में सीएम के फैसलों ने यह बता दिया है कि आखिर क्यों वह भाजपा आलाकमान की पसंद हैं।

 

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लड़े गए। उत्तराखंड के इतिहास में आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि कोई सरकार रिपीट हुई हो। शायद यह पुष्कर धामी पर भाजपा आलाकमान का भरोसा ही था कि उन्होंने अपने नेतृत्व में 47 सीटें जीता कर प्रदेश की सत्ता में वापसी की। हालांकि, एक वीर योद्धा की तरह वह इस चुनाव में सेना को जिताने में तो कामयाब हुए लेकिन अपनी विधानसभा सीट मैं प्रचार के लिए ज्यादा वक्त नहीं निकाल सके जिसकी वजह से चुनाव हार गए। लग रहा था कि भाजपा किसी नए चेहरे पर आपदाओं खेल सकती है। अपने फैसलों से चौंकाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से पुष्कर धामी पर ही मोहर लगाई। इस मार्च को प्रधानमंत्री की मौजूदगी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास बहुत सारी उपलब्धियां हैं जिनका जिक्र होना जरूरी है।

 

पुष्कर सिंह धामी के 100 दिन के कार्यकाल में सबसे बड़ा फैसला यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता को लेकर है। नागरिक संहिता को लेकर कई बड़े राज्य अभी तक योजना तक नहीं बना सके लेकिन 100 दिन के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने ड्राफ्ट कमिटी का गठन तक कर दिया है समान नागरिक संहिता चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का एक वायदा था जो उन्होंने जनता से किया था। आज मैं पहली बार भ्रष्टाचार के मामले में एक आईएएस अफसर आज जेल में है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के तहत कार्रवाई की बात सीएम ने कही है।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 100 दिन के कार्यकाल में जनता से सीधे जुड़ने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की। गरीब तबके को मुफ्त सिलेंडर देना हो या फिर अलग-अलग श्रेणियों में पेंशन राशि को बढ़ाना हो आम जनता से जुड़े हर फैसले को सीएम ने बहुत तेजी के साथ लिया। लेकिन सीमित आय वाले उत्तराखंड राज्य में मुख्यमंत्री के लिए चुनौतियां भी कम नहीं है आर्थिक क्षेत्र पर राज्य में प्रगति होना सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि राज्य पर लगभग एक लाख करोड़ का कर्ज़ हो चुका है। आपदा ग्रस्त राज्य को विकास के पथ पर पहुंचाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है।

 

मुख्यमंत्री के 100 दिन की उपलब्धियां

सरकार ने उत्तराखंड राज्य के लिए ’यूनिफॉर्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करने हेतु कमेटी का गठन करा है, जो की जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके लिए बकायदा बजट में भी प्रावधान किया गया है।

– भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिये 1064 शुरू की गई है।

सचिवालय में सोमवार को नो मीटिंग डे रखा गया है ताकि शासन के अधिकारी लोगों से मिलने के लिये उपलब्ध रहें।

– जिला स्तरीय अधिकारियों को भी निर्देश दिये गये हैं कि वे सोमवार से शुक्रवार तक प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक अपने कार्यालयों में आम जनता से मिलने के लिये उपलब्ध रहेंगे।

– अधिकारी व कर्मचारी समय पर कार्यालय आएं, इसके लिये बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की गई है।

– सरकारी सेवाओं की डोरस्टेप प्रदान करने के लिये नई पहल की जा रही है।

– चारधाम सर्किट में आने वाले सभी मंदिरों और गुरूद्वारों में भौतिक ढांचे और परिवहन सुविधाओं का विस्तार की योजना है।

– मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमायूं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने की योजना है। इसके लिये प्रधानमंत्री जी से भी अनुरोध किया गया है।

– पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क निर्माण के लिये पर्वत माला परियोजना पर कार्य किया जा रहा है। सुरकण्डा देवी रोपवे का संचालन प्रारम्भ कर दिया गया है।

– हिम प्रहरी योजना के अंतर्गत राज्य के भूतपूर्व सैनिकों एवं युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के निकटवर्ती जिलों में बसने के लिये सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने की आवश्यक कार्यवाही की जा रही है ।

– व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना की धनराशि को 5 लाख रूपए से बढ़ाकर 10 लाख रूपए किया है। उत्तराखण्ड राज्य के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान में वृद्धि को मंजूरी दी गई है।

– सरकार ने आंगनबाड़ी और आशा बहनों के साथ ही पर्यावरण मित्रों और शिक्षा मित्रों के मानदेय में बढ़ोतरी की है।

– श्री केदारपुरी का पुनर्निर्माण आदरणीय प्रधानमंत्री जी के विजन, नेतृत्व एवं संकल्प का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर भी काम हो रहा है।

– 16,216 करोड़ रूपए की 125 किमी लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। परियोजना को 2024-25 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

– टनकपुर-बागेश्वर और डोइवाला से गंगोत्री-यमुनोत्री रेललाइन के सर्वे के साथ ही हरिद्वार-देहरादून रेललाइन के दोहरीकरण का कार्य की भारत सरकार द्वारा सहमति दी गई है।

– केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ की सड़क कनेक्टीवीटी में सुधार के लिए चारधाम ऑलवेदर सड़क परियोजना पर काफी कुछ काम किया जा चुका है।

– केंद्र सरकार से पौंटा साहिब-देहरादून, बनबसा-कंचनपुर, भानियावाला-ऋषिकेश, काठगोदाम-लालकुंआ-हल्द्वानी बाईपास और रूद्रपुर बाईपास परियोजनाओं की महत्वपूर्ण सौगात मिली हैं।

– देहरादून में नियो मेट्रो रेल की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है।

– जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड पहला राज्य हैं जहां उड़ान योजना में हेली सर्विस शुरू की गई है। पिछले कुछ वर्षों मे एयर कनेक्टीवीटी को बहुत मजबूती मिली।

– जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना से नैनीताल व ऊधमसिंहनगर के तराई क्षेत्र लाभान्वित होंगे।

– सौंग बांध परियोजना से देहरादून में वर्ष 2053 तक अनुमानित आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति उपलब्ध हो सकेगी।

– 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना के लिये निविदा भी आमंत्रित कर दी गई हैं।

– 1930 करोड़ से टिहरी लेक डेवलपमेंट का काम किया जा रहा है।

– ऋषिकेश में अर्न्तराष्ट्रीय कन्वेन्सन सेन्टर तथा वैलनेस सिटी को नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा चयनित किया गया है।

– अमृत योजना अन्तर्गत 07 शहरों में 593 करोड़ रूपए की कुल 151 योजनाएं (सीवरेज, पेयजल योजना, ड्रेनेज, पार्क निर्माण योजना) पर काम चल रहा है।

– प्रदेश में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन, परिवहन व संस्कृति क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए लगभग 200 करोड़, चिकित्सा क्षेत्र के लिए 205 करोड़ जबकि महिला स्वयं सहायता समूहों और राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों को 118 करोड़ रूपए का कोविड राहत पैकेज दिया की व्यवस्था की गई।

– प्रदेश में कोविड से प्रभावित परिवारों के निराश्रित बच्चों को वात्सल्य योजना का सहारा दिया गया है।

– राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिये राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ के गठन की स्वीकृति दी गई है।

– मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना प्रारम्भ की गई है। इस बजट में इसके लिये 25 करोड़ रूपए धनराशि का प्राविधान भी किया गया है।

– ऑनलाईन पढ़ाई को और सुगम बनाने के लिए राज्य के राजकीय स्कूलों के कक्षा 10 और 12 के छात्र-छात्राओं और – गवर्नमेण्ट डिग्री कॉलेजों के छात्रों को टैबलेट उपलब्ध कराना प्रारम्भ कर दिया गया है।

– राज्य में निशुल्क जांच योजना के तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा मिल रही है।

– हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक 4 लाख 80 हजार से अधिक मरीज मुफ्त में उपचार करा चुके हैं। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के उपचार पर अब तक 755 करोड़ से अधिक का व्यय किया जा चुका है।

– सीमांत तहसीलों के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की है। वोकल फॉर लोकल पर आधारित ‘एक जनपद दो उत्पाद’ योजना से स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे, वहीं स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान मिलेगी।

– मुख्यमंत्री स्वरोजगार अति सूक्ष्म उद्यम योजना के तहत 50 हजार रूपए तक का ऋण बैंको के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है।

– राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना में लगभग 55 हजार गरीबों को आवास दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है।

– होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। हमारी सरकार, किसानों को तीन लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करा रही है।

– जिन किसान भाईयों के पास कृषि उपकरण नहीं हैं, उनके लिए ‘‘फार्म मशीनरी बैंक’’ योजना शुरू की है। इसके लिए 80 फीसदी तक सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है।

– चाय बागान धौलादेवी, मुन्स्यारी, बेतालघाट को जैविक चाय बागान में परिवर्तीत किया जा रहा है।

– गोवंश की सुरक्षा और संरक्षण के लिये हमारी सरकार ने गौ सदनों की स्थापना के लिये बजट प्राविधान को इस वर्ष छः गुना कर दिया है।

– मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए नई खेल नीति लाई गई है।

– स्पोर्ट्स कॉलेज रायपुर को अंतराष्ट्रीय स्तर का स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं।

– मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन खेल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत राज्य के 08 वर्ष से 14 वर्ष तक के उदीयमान खिलाड़ियों को 1500 रूपए प्रतिमाह खेल छात्रवृत्ति का प्राविधान किया गया है।

– ग्रामीण स्तर पर ओपन जिम के लिये 10 करोड़ रूपए का बजट में प्राविधान किया गया है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button