
देहरादून- उत्तराखंड में मतदान संपन्न होने के बाद अब सबकी नजरें 10 मार्च पर अटकी हुई है इसके साथ साथ उत्तराखंड में भाजपा का मुख्यमंत्री होगा या फिर कांग्रेस का इस पर सब टकटकी लगाए बैठे हुए हैं लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर राज्य के दोनों दिग्गज नेता पुष्कर धामी और हरीश रावत आपस में वार पलटवार कर बयानबाज़ी में लगे हुए है।
विगत दिनों एक मीडिया संस्थान के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के द्वारा दिए गए इंटरव्यू में कहा गया कि अगर मुख्यमंत्री बनूंगा तो ठीक है वरना इस बार घर बैठ जाऊंगा हालांकि इस बयान को हरीश रावत के राजनीतिक केरियर से जोड़कर भी देखा जा रहा है पूर्व में यह भी माना जा रहा था कि इस बार का 2022 का चुनाव हरीश रावत की राजनीतिक करियर का अंतिम चुनाव हो सकता है जिसके बाद हरीश रावत ने एक बयान दिया कि इस बार अगर जनता का साथ मिला और मुख्यमंत्री बनूंगा तो ठीक है वरना घर बैठ जाऊंगा। सोशल मीडिया पर हरीश रावत का है अभियान तेजी से वायरल हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के इस बयान पर वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पलटवार करते हुए कहा कि उत्तराखंड की जनता ने इस बार कांग्रेस को नकार दिया है और हरीश रावत मुंगेरीलाल के हसीन सपनों में खोए हुए हैं लेकिन इस बार भी भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार फिर से उत्तराखंड में बनने जा रही है बयान बाजी के दौर में दोनों ही दिग्गज नेता हरीश रावत और सीएम पुष्कर सिंह धामी डटे हुए हैं लेकिन 10 मार्च से पहले कुछ भी कहना केवल जल्दबाजी होगी हालांकि मुख्यमंत्री कांग्रेस का होगा या भाजपा का उसके लिए सभी को 10 मार्च तक का इंतजार करना पड़ेगा 10 मार्च के बाद ही मुख्यमंत्री बनने पर मची होड़ और बयानबाजी जैसा विवाद खत्म हो पायेगा।