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उत्तराखंड लोक विरासत कार्यक्रम का आगाज, एक मंच पर नजर आए प्रदेश के लोक कलाकार

देहरादून : प्रदेश के सांस्कृतिक लोक कलाकारों और हस्तशिल्प कलाकारों को अलग पहचान दिलाने के लिए धर्मपुर स्थित चारधाम अस्पताल के निदेशक डॉ केपी जोशी के प्रयासों से दो दिवसीय उत्तराखंड लोक विरासत कार्यक्रम का आयोजन किया गया है । इस दो कार्यक्रम का आगाज देहरादून के रेंजर ग्राउंड में शनिवार 05 नवंबर से हो चुका है । इस दौरान कार्यक्रम का शुभारंभ मेयर सुनील उनियाल गामा और उनकी धर्म पत्नी शोभा उनियाल ने किया।

बता दें कि उत्तराखंड लोक विरासत कार्यक्रम में पहले दिन गढ़वाल का प्रसिद्ध पांडव नृत्य, ढोल, दमाऊ, भंकोर वादन की प्रस्तूति दी गई । इसके अलावा कुमाऊँ की पारंपरिक न्यौली, भगनोल का प्रस्तूरीकरण भी किया गया । वहीं कुमाऊँ के छोलिया नृत्य, छपेली की प्रस्तूति भी दी गई । साथ ही गढ़वाल के बद्रीनाथ के जगत और खुदेड़ गीत ने भी लोगों की खूब तालियां बटोरी।

वहीं शाम को गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी , पदम् श्री प्रीतम भरतवाण , अनीसा रांगड़, पूनम सती, सौरव मैठाणी, मीणा राणा, बसन्ती बिष्ट ने अपने लोक गीतों से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

 

उत्तराखंड लोक विरासत कार्यक्रम के आयोजक डॉ केपी जोशी ने बताया इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के लोक सांस्कृतिक कलाकारों और हस्तशिल्प कलाकारों को एक मंच प्रदान करना है। जिससे कि उनकी कला को पहाड़ से लेकर मैदान तक लोग पहचान सके वही इन लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी मुहैया हो सकें।

गौरतलब है कि आज यानी रविवार को भी देहरादून के रेंजर्स ग्राउंड में उत्तराखंड लोक विरासत कार्यक्रम जारी रहेगा ।  जिसमें उत्तराखंड के लोक कलाकार और गायकार अपनी प्रस्तूति देंगे।

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