उत्तराखंड: युवा वैज्ञानिक अभिलाष सेमवाल की बम डिटेक्टर डिवाइस को विश्व स्तर पर मिली पहचान
Uttarakhand
उत्तराखंड के युवा वैज्ञानिक और मूल रूप से चमोली जनपद के रहने वाले अभिलाष सेमवाल ने एक बार फिर विश्व स्तर पर उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। दरअसल अभिलाष द्वारा तैयार की गई बम डिटेक्टर डिवाइस को विश्व स्तर पर नई पहचान मिली है । अभिलाष द्वारा तैयार की गई बम डिटेक्टर डिवाइस को ग्लोबल एंटेरप्रेनशिप टेक्नोलॉजी के तहत विश्व की 25 बेस्ट टेक्नॉलजी में शामिल किया गया है ।
गौरतलब है कि युवा वैज्ञानिक अभिलाष सेमवाल की ओर से तैयार किए गए इस बम डिटेक्टर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह डिवाइस आसानी से जहां कहीं भी बम लगा हो उसका पता लगा सकता है ।
कैसे काम करता है यह बम डिटेक्टर डिवाइस ?
युवा वैज्ञानिक अभिलाष सेमवाल द्वारा तैयार किया गया यह बम डिटेक्टर डिवाइस सेंसर किरणें छोड़ता रहता है। ऐसे में बम में मौजूद अमोनियम नाइट्रेट, हिलीयम और पोटेशियम नाइट्रेट जैसी गैस के संपर्क में आते ही यह डिवाइस आसानी से किसी बड़े विस्फोट का खतरा भांप लेता है ।
यही नही इस बम डिटेक्टर डिवाइस में लगे ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के जरिये जिस कार में बम लगा है उसकी लोकेशन का भी पता लगाया जा सकता है । वहीं अब इस टेक्नॉलजी को अप्ग्रेड करके ड्रोन के माध्यम से मौक़े पे भेज कर भी बम का पता लगाया जा सकता है साथ ही समय रहते ही बम को आसानी से डिफ्यूज भी किया जा सकता है ।
इस खास बम डिटेक्टर डिवाइस को लेकर जब हमने युवा वैज्ञानिक अभिलाष से बाल से बात की अभिलाष ने बताया कि इस डिवाइस का प्रशिक्षण पिछले कई सालों से Emperical solution कम्पनी (अफ़्रीका की सरकारी कम्पनी ) के साथ नाइजीरिया के आतंकग्रसित इलाक़ों में किया गया था । जो कि सफल रहा । अब इस बम डिटेक्टर डिवाइस को विश्व स्तर पर टॉप-05 लिस्ट में लाना मेरा अगला लक्ष्य है ।
युवा वैज्ञानिक अभिलाष सेमवाल की अन्य उपलब्धियां –
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड के छोटे से जनपद चमोली से ताल्लुक रखने वाले युवा वैज्ञानिक अभिलाष सेमवाल द्वारा पूर्व में 5 अन्य डिवाइस भी रिसर्च कर तैयार की जा चुकी है । जिसके लिए उन्हें चुका 5 राजकीय और 3 नैशनल अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है । वहीं वह अब्दुल कलाम JEE-2014 में मेंटॉर भी रह चुके है ।