उत्तराखण्ड
देहरादून- उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही जहां एक तरफ प्रदेश में तेजी से विकास होता नजर आ रहा है । तो वहीं दूसरी तरफ इस तेजी से होते विकास के बीच कहीं न कहीं उत्तराखंड के पारंपरिक लोक कलाकार, और अन्य हस्तकलाऐं गुमनामी के अंधेरे में खोती जा रही हैं। यही कारण है कि देहरादून के चार धाम अस्पताल धर्मपुर के एमडी डॉ केपी जोशी की ओर से इस साल भी पिछले साल के भांति उत्तराखंड लोक विरासत कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है ।
डॉ केपी जोशी कहते हैं कि इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य मकसद उत्तराखंड के लोक कलाकारों , पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकारों और अन्य हथकरघा कलाकारों को एक मंच प्रदान करना है । जिससे कि राजधानी में रहने वाले उत्तराखंड वासी भी उनकी कला की खूबसूरती को पहचान सके।
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड लोक विरासत कार्यक्रम का आयोजन देहरादून के रेंजर्स ग्राउंड में आगामी 5 और 6 नवंबर को होने जा रहा है । जिसमें उद्योग विभाग भी अपना सहयोग प्रदान कर रहा है इसके साथ ही इस कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद होंगे ।
उत्तराखंड लोक विरासत कार्यक्रम के संबंध में अधिक जानकारी साझा करते हुए आयोजक डॉ के पी जोशी ने बताया कि इस कार्यक्रम के तीन हिस्से हैं। पहला लोक रंग जिसके अंतर्गत उत्तराखण्ड के लोक संगीत को मंच से प्रस्तुत किया जायेगा। उत्तराखण्ड का पारम्परिक लोकगायन, पारम्परिक लोकवादन और पारम्परिक लोकनृत्य अर्थात् उत्तराखण्डी स्वर, ताल और नृत्य एक साथ मंच पर देखने को मिलेंगे।
वहीं कार्यक्रम का दूसरे हिस्से में गीत संध्या होगी । इस गीत संध्या में उत्तराखण्ड के जाने-माने कलाकारों के साथ नवोदित और उभरते लगभग 20 प्रतिभाएं एक मंच से अपनी प्रस्तुति देंगी। इसमें जहां गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी, पद्मश्री डॉ. प्रीतम भरतवाण और पद्मश्री बसन्ती बिष्ट जैसे उत्तराखण्ड के जानेमाने हस्ताक्षर अपनी आवाज का जादू बिखेरेंगे । तो वहीं उत्तराखण्ड के प्रतिभाशाली युवा कलाकर भी अपने हुनर को प्रस्तुत करेंगे।
साथ ही क्रायक्रम के तीसरे हिस्से में हस्तशिल्प प्रदर्शनी भी मैदान में लगाई जाएगी। जिसमें उत्तराखण्ड के दूरस्थ गांवों के हस्तशिल्पियों के द्वारा निर्मित हस्तशिल्प की प्रदर्शनी रहेगी।