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देवभूमि उत्तराखंड में जल्द शुरू होगी शीतकालीन यात्रा,सरकार ने बनाई योजना,जानिए

देहरादून – उत्तराखंड की विश्व विख्यात चार धाम यात्रा में केदारनाथ धाम में बाबा केदार, बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु, गंगोत्री धाम में मां गंगा और यमुनोत्री धाम में मां यमुना जी के दर्शन ग्रीष्मकालीन गद्य स्थल पर किए जाते हैं जो ग्रीष्म काल में अक्षय तृतीया से भाई दूज के बीच होते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्रीष्म कल में दर्शन के बाद भाई दूज से लेकर अक्षय तृतीया के बीच शीतकाल में इन स्थलों पर देवता भगवान के दर्शन और उनकी पूजा अर्चना करते हैं और इस दौरान भगवान शिव, भगवान विष्णु मां गंगा और मां यमुनोत्री जी श्रद्धालुओं को दर्शन देने के लिए उखीमठ, जोशीमठ, खरसाली और मुखबा में 6 महीने तक विराजमान रहते हैं जहां स्थानीय लोग और पुजारी पूजा अर्चना करते हैं जिसकी जानकारी ज्यादातर पर्यटकों को नहीं है और इस कारण यात्रा केवल ग्रीष्मकल तक ही सीमित रह जाती है लेकिन राज्य सरकार चार धाम यात्रा को 12 महीने चलाने के लिए भगवान शिव, भगवान विष्णु मां गंगोत्री और मां यमुनोत्री के शीतकालीन गद्य स्थल की शुरुआत करने जा रही है। जिसका शुभारंभ 8 दिसंबर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे और यात्रा की सुगमता के लिए 10 दिसंबर को एक बैठक भी होनी है जिसमें शीतकालीन चार धाम यात्रा को और ज्यादा विकसित करने पर चर्चा की जाएगी।

वही शीतकालीन यात्रा के प्रचार प्रसार का जिम्मा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग को दिया है जो इस यात्रा के प्रचार प्रचार में अभी से जुट गया है सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी का कहना है कि परंपरा के अनुसार जिन स्थलों पर शीतकाल के दौरान भगवान की पूजा अर्चना होती है सरकार उनका प्रचार प्रसार करके यात्रा को 12 महीने चलाएगी जिससे उत्तराखंड का पर्यटन बढ़ेगा और शीतकाल में उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को अलग मौसम का अनुभव होगा।

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